Tuesday 25 October 2016

The new Governor


RBI सेंट्रल बोर्ड मीटिंग
--------------------------------
आज कानपुर में Rbi के सेंट्रल बोर्ड की मीटिंग हो रही है।
पिछले कई सालों से बोर्ड के मीटिंग स्थल पर एक
कार्यक्रम परम्परा बन गया था जिसमें वृद्ध और अति वृद्ध रिटायरीज़ कांपते हाथों में तख्ती (play cards) लिए मूर्तियों की तरह तबतक मौन खड़े रहते थे जब तक डा.रघुराम राजन शाही अंदाज़ में चलते चलते मुस्कुराते हुए किसी मूर्ति के सामने रुक नहीं जाते थे।डा.राजन की फ़रेबी मुस्कान से कुछ मूर्तियां अपने को धन्य समझने लगतीं थीं और आशान्वित हो जाती थीं।मूर्तियां भी मुस्कुरा देतीं थीं।इसी तरह डा.राजन ने 3 साल काट दिए।

आज ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं हुआ।

इसका कारण यह समझा जा रहा है कि
नए गवर्नर के सामने प्रदर्शन करने के पहले उनको कुछ वक़्त दिया जाना ज़रूरी है।
बोर्ड की बैठक शुरू होने के पहले 9.30 बजे प्रातः कानपुर कार्यालय के कार्यरत और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हर संगठन के दो दो प्रतिनिधियों को गवर्नर डा.उर्जित पटेल से एक सामूहिक रूप से भेंट करने की अनुमति दी गयी।हर संगठन के एक पदाधिकारी को बोलने का अवसर दिया गया। लगभग हर संगठन ने ज्ञापन भी सौंपा।
करीब करीब सभी प्रतिनिधियों ने पेंशन अपडेशन व ऑप्शन खोले जाने की मांग दोहराई।

गवर्नर महोदय ने धैर्यपूर्वक सबकी बात सुनी।

अपने जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें आये हुए अभी कुछ ही समय हुआ है और वह इस मसले को पूरी तरह समझने का प्रयास कर रहे हैं।

इसके पहले डा.उर्जित पटेल कल शाम को लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे।समाचार पत्रों की खबर के मुताबिक एयरपोर्ट पर कानपुर कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक ने उनको रिसीव किया।
लखनऊ के स्थानीय समाचारपत्रों के अनुसार
डा.पटेल ने कानपुर के क्षेत्रीय निदेशक की आधिकारिक कार में बैठने से इंकार कर दिया।एक आम आदमी की तरह उन्होंने एयरपोर्ट से इनोवा टैक्सी की और उसी से कानपुर स्थित होटल पहुंचे।
मजेदार बात यह रही कि जब गवर्नर महोदय होटल पहुंचे तो प्रशासनिक अधिकारी उनको पहचान ही नहीं सके।जब Rbi के कुछ अधिकारियों ने आगे बढ़कर उनका स्वागत किया तो हलचल मच गयी।
होटल प्रबन्धन ने कानपुर की परम्परा के अनुसार भव्य स्वागत करने का कार्यक्रम बनाया था परंतु उन्होंने किसी तरह का बुके या औपचारिक स्वागत से पहले ही इनकार कर दिया था।इसलिये सादगी से होटल प्रबन्धन ने उनका तिलक किया जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया।लिफ्ट में चढ़ने के पहले स्टाफ ने उनका बैग उनके हाथ से लेने का अनुरोध किया लेकिन यह कहते हुए मना कर दिया कि अभी
मैं बहुत बूढ़ा नहीं हुआ हूँ।
प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक पूरे देश की अर्थव्यवस्था की कमान सँभालने वाली हस्ती का इतना सरल अंदाज़ और सादगी देखकर लोग हैरत में पड़ गए।

उपर्युक्त से लगता है कि डा.पटेल ईमानदारी से पेंशन के मसले में प्रयास करेंगे।
इसी उम्मीद में हम भी कुछ दिन और जी लेंगे।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित।

आर के मिश्र,
सचिव,
रिज़र्व बैंक रिटायरीज़ असोसिएशन,
लखनऊ।

No comments: